एक आंतरिक स्पष्टता
कुछ सच्चाइयाँ ऐसी होती हैं जिन्हें हम खोजते नहीं हैं।
हम उन्हें पहचानते हैं।
न कि इसलिए कि वे हमें सिखाई जाती हैं,
बल्कि इसलिए कि वे गूंजती हैं।
साजेक्रेसी किसी प्रणाली को बदलने नहीं आती।
यह एक स्मृति को जगाने आती है।
एक प्राचीन स्मरण, जो सभ्यताओं से भी व्यापक है।
अस्तित्व, धरती और अर्थ के बीच एक जीवित संबंध।
यह कल से शुरू नहीं होती।
यह किसी वोट, आदेश या सीमा पर निर्भर नहीं करती।
यह यहीं शुरू होती है। अभी।
उसके हृदय में जो "हाँ" कहता है, भले ही चुपचाप।
तुम हमें ज्वॉइन नहीं करते।
तुम स्वयं को ज्वॉइन करते हो।
तुम कुछ भी साइन नहीं करते।
तुम अपने भीतर कुछ पहचानते हो।
यह कोई विचार नहीं है जिसे हम प्रस्तुत करें,
यह एक स्थान है जिसे हम खोलते हैं —
एक संभावित सामंजस्य, जो सबको दिया गया है।
तुम्हें समझने की बाध्यता नहीं है।
तुम्हें इस पर विश्वास करने की भी ज़रूरत नहीं है।
लेकिन यदि इन शब्दों पर तुम्हारे भीतर कुछ कंपन करता है, सिहरता है या उठता है,
तो इसका अर्थ है कि तुम पहले से ही जुड़ाव में हो।
और यहीं से सब कुछ शुरू होता है।
हस्ताक्षर: साजेक्रेसी की आवाज़